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जल संरक्षण की जिन फोटो से मिला राष्ट्रपति सम्मान, वो निकलीं AI जनेरेटेड, जीतू पटवारी ने उठाया सवाल, अब खंडवा कलेक्टर ने दी सफाई

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आरोप लगाए जा रहे हैं कि जिन फोटोज को खंडवा का बताकर सरकारी पोर्टल पर अपलोड किया गया वे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से निर्मित हैं. जहां जीतू पटवारी ने मामले के सामने आने के बाद सरकार ने निशाना साधा है. वहीं, जिला कलेक्टर की ओर से सफाई पेश की गई है.

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मध्य प्रदेश के खंडवा को जल संरक्षण के लिए ‘राष्ट्रपति जल पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था. इस पर अब सवाल उठने लगे हैं. आरोप लगाए जा रहे हैं कि जिन फोटोज को खंडवा का बताकर सरकारी पोर्टल पर अपलोड किया गया वे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से निर्मित हैं. जहां जीतू पटवारी ने मामले के सामने आने के बाद सरकार ने निशाना साधा है. वहीं, जिला कलेक्टर की ओर से सफाई पेश की गई है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित

दरअसल, 18 नवंबर 2025 को खंडवा को जल संरक्षण क्षेत्र में सराहनीय काम करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में सम्मानित किया. सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत कावेश्वर को पूरे देश में दूसरा स्थान हासिल हुआ था. भारत सरकार के ‘कैच द रेन’ कार्यक्रम के तहत ‘जल संचय और जनभागीदारी’ पहल के लिए खंडवा पूरे देश में पहले स्थान पर रहा. इस पुरस्कार के साथ-साथ 2 करोड़ रुपये की राशि मिली. कलेक्टर ऋषव गुप्ता और जनपद पंचायत सीईओ डॉ. नागार्जुन गौड़ा ने इसे ग्रहण किया था, जिसकी तस्वीर भी सामने आई थीं.

सरकारी पोर्टल पर AI फोटो अपलोड की गईं

पुरस्कार समारोह से पहले नामांकन के लिए अपने कार्य की प्रगति और व्याख्या देने के लिए फोटो और दूसरे जरूरी दस्तावेज सरकारी पोर्टल पर अपलोड किए जाते हैं. इसी क्रम में खंडवा जिले की ओर से जल संचय जन भागीदारी (JSJB) कार्यक्रम पोर्टल और कैच द रेन (CTR) पोर्टल पर जो फोटो अपलोड किए गए. वे एआई हैं. जिन साइट्स के माध्यम से इन फोटोज को जनरेट किया गया, उनका लोगो भी लगा हुआ है.

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जीतू पटवारी ने साधा निशाना

इस पूरे मुद्दे पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने निशाना साधा है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करके उन्होंने लिखा कि जहां भाजपा सरकार को हमारे बच्चों को AI का सदुपयोग सिखाना चाहिए, वहीं वह खुद AI से भ्रष्टाचार कर रही है. खंडवा में भाजपा सरकार के अधिकारियों ने जल संरक्षण के नाम पर दो फीट के गड्ढों को AI से कुआं बना दिया और पूरे क्षेत्र में तरह तरह के विकास कार्यों की AI से बनाई गई तस्वीरें पोर्टल पर अपलोड कर दीं.

उन्होंने आगे लिखा कि इन्हीं तस्वीरों के आधार पर माननीय राष्ट्रपति से पुरस्कार भी ले लिया गया. जब जमीनी हकीकत सामने आई, तो वहां खेत और खाली मैदान निकले. साफ है कि यह जल संरक्षण नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी से बनाई गई तस्वीरों का खेल था. भाजपा राज में भ्रष्टाचार भी स्मार्ट हो गया.

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