मलकानगिरी/भुवनेश्वर/एजेंसी।
ओडिशा के मलकानगिरी जिले के मोटू इलाके में एक 51 वर्षीय आदिवासी महिला की सिर कटी लाश मिलने के बाद व्यापक हिंसा भड़क उठी। आक्रोशित भीड़ ने इलाके में रहने वाले बांग्लादेशी मूल के सेटलर्स की कॉलोनियों पर हमला कर दिया और खबरों में बताया जा रहा है कि लगभग 150 घरों को आग लगाई गई। हिंसा के बाद प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएँ निलंबित कर दीं और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
पुलिस के अनुसार, महिला की लाश जंगल से बरामद होने के बाद स्थल पर जमा लोगों का गुस्सा उफान पर आ गया। उग्र भीड़ ने कथित संदेह के चलते बस्ती की ओर रुख किया और पथराव व आगजनी की घटनाएँ हुईं। स्थानीय लोग, दोनों पक्षों के प्रतिनिधि और प्रशासन के बीच तनाव बढ़ने के साथ कई घंटे तक हालात तनावपूर्ण बने रहे।
नुकसान और संख्या पर मतभेद
कुछ मीडिया रिपोर्टों ने 150 घरों तक के नुकसान का उल्लेख किया है, जबकि आधिकारिक प्रारंभिक बयानों में कहा गया है कि लगभग 10–15 घरों को गंभीर क्षति हुई है और कुछ घर पूरी तरह जले हैं। जिला प्रशासन ने कहा है कि नुकसान का वास्तविक आकलन फील्ड टीमों द्वारा किया जा रहा है और अंतिम आंकड़ा जांच के बाद घोषित किया जाएगा।
प्रशासनिक कार्रवाई
जिला प्रशासन ने अफवाहें और गलत सूचनाओं के प्रसार को रोकने के लिए प्रभावित इलाकों में इंटरनेट सेवाएँ निलंबित कर दीं।
शांति बहाल करने के लिए SOG, CRPF और स्थानीय पुलिस बल तैनात किए गए हैं।
सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 144 लागू की गई है।
एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित कर दी गई है और फोरेंसिक टीम घटनास्थल से साक्ष्य जुटा रही है।
पुलिस व प्रशासन का कथन
जिला पुलिस अधीक्षक ने कहा: “हम घटना की गहनता से जांच कर रहे हैं। दोषियों के खिलाफ कड़ी व त्वरित कार्रवाई की जाएगी। शांति व कानून-व्यवस्था बहाल रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।”
राज्य सरकार ने भी स्थिति पर नजर रखी है और विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
प्रभावितों की स्थिति
हिंसा के बाद दोनों समुदायों में भय बना हुआ है। कई परिवार सुरक्षित स्थानों व अस्थायी शिविरों में शिफ्ट किए गए हैं। स्थानीय नागरिक समाज संगठनों ने शांति की अपील की है और निर्दोषों के प्रति किसी भी तरह की टार्गेटिंग को निंदनीय बताया है।
निष्पक्ष जांच की मांग
स्थानीय समाजसेवी और मानवाधिकार समूहों ने कहा है कि घटना का राजनीतिकरण न किया जाए और हत्या की निष्पक्ष, पारदर्शी जांच हो। साथ ही वे आगजनी में हुए नुकसान के स्वतंत्र आकलन की भी मांग कर रहे हैं।
