रायपुर, 10 दिसंबर 2025।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की महत्वपूर्ण बैठक में राज्यहित में कई बड़े और ऐतिहासिक निर्णय लिए गए।
1. आत्मसमर्पित नक्सलियों के केस वापसी की प्रक्रिया को कैबिनेट की मंजूरी — बनेगी उच्च स्तरीय उप-समिति
मंत्रिपरिषद ने आत्मसमर्पित नक्सलियों के विरुद्ध दर्ज आपराधिक प्रकरणों के निराकरण/वापसी संबंधी प्रक्रिया को हरी झंडी दे दी है।
आत्मसमर्पित नक्सलियों के मामलों की समीक्षा के लिए मंत्रिपरिषद उप-समिति का गठन होगा।
यह पूरा निर्णय नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025 के अनुरूप होगा।
जिला स्तरीय समिति पहले रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसे पुलिस मुख्यालय अभिमत सहित शासन को भेजेगा।
विधि विभाग की राय के बाद उप-समिति अनुशंसा करेगी, फिर मामले अंतिम स्वीकृति हेतु मंत्रिपरिषद को भेजे जाएंगे।
केंद्रीय अधिनियमों से जुड़े मामलों के लिए भारत सरकार की अनुमति आवश्यक होगी।
यह प्रक्रिया आत्मसमर्पित नक्सलियों के अच्छे आचरण एवं नक्सलवाद उन्मूलन में सहयोग को ध्यान में रखते हुए अपनाई जा रही है।
2. राज्य के 14 अधिनियमों में बदलाव को स्वीकृति—छत्तीसगढ़ बना देश का पहला राज्य, जिसने जन विश्वास विधेयक का दूसरा संस्करण लाया
मंत्रिपरिषद ने 11 विभागों के 14 अधिनियमों के 116 प्रावधानों में संशोधन के लिए छत्तीसगढ़ जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) (द्वितीय) विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी।
छोटे उल्लंघनों के लिए प्रशासकीय दंड का प्रावधान किया गया है, जिससे कोर्ट का बोझ कम होगा।
जुर्माने की पुरानी राशि को अद्यतन कर कार्रवाई को अधिक प्रभावी बनाया गया है।
ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस और ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा मिलेगा।
इससे पहले सरकार 8 अधिनियमों के 163 प्रावधानों में बदलाव कर चुकी है।
यह सुधार छत्तीसगढ़ को सुशासन और आधुनिक प्रशासन की दिशा में अग्रणी बनाते हैं।
3. प्रथम अनुपूरक अनुमान (2025-26) के प्रस्तुतीकरण हेतु “छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक, 2025” को मंजूरी
कैबिनेट ने वर्ष 2025-26 के प्रथम अनुपूरक अनुमान को विधानसभा में प्रस्तुत किए जाने हेतु विनियोग विधेयक का अनुमोदन दिया। यह कदम वित्तीय प्रबंधन और योजनाओं के सुचारू संचालन के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
