चिरमिरी (छत्तीसगढ़), आज 24 न्यूज़ डेस्क
छोटा बाजार क्षेत्र में जौंडिस (पीलिया) की महामारी फैलने के बाद नगर निगम ने हरकत में आते हुए घर-घर जाकर क्लोरीन की गोलियां बांटना शुरू कर दिया है। पीने के पानी के स्रोतों को साफ़ करने के लिए उपेक्षित जल टंकी में ब्लिचिंग पाउडर डाला जा रहा है और मच्छरों को भगाने के लिए गैस फॉगिंग मशीनें चलाई जा रही हैं।
लेकिन स्थानीय निवासी और वार्ड क्रमांक 19 के जागरूक नागरिक अंजन मुखर्जी ने आज 24 न्यूज़ को बताया कि यह संकट अचानक नहीं आया, बल्कि यह वर्षों की लापरवाही और प्रशासनिक अनदेखी का नतीजा है।
8 वर्षों से जलशक्ति का अवैध दोहन
मुखर्जी के अनुसार, बीते आठ सालों से स्थानीय स्तर पर बड़े-बड़े पम्प लगाकर नगर निगम की पाइपलाइन से अवैध रूप से पानी खींचा जा रहा है, जिसका उपयोग अवैध पानी पाउच, नकली पेप्सी और बोतलबंद पानी बनाने में हो रहा है। यह पानी खुले नालों या टूटी पाइपलाइन के माध्यम से प्रदूषित हो चुका होता है।
स्वास्थ्य खतरे को नजरअंदाज करते रहे जिम्मेदार
उन्होंने बताया कि इस मामले में नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग को कई बार लिखित शिकायतें दी गईं, लेकिन अब तक इन पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई। “आज लोग बीमार हो रहे हैं, अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं, तब जाकर क्लोरीन और ब्लिचिंग की याद आई है,” – उन्होंने कहा।
होटल, शादी समारोह और शराब दुकानों में वही जहरीला पानी
मुखर्जी ने सवाल उठाया कि, “घर का पानी तो क्लोरीन गोली से फिलहाल साफ़ हो सकता है, लेकिन होटलों में खाना बनाने के लिए, शादी-ब्याह जैसे आयोजनों में या शराब भट्टी के पास जो नकली और प्रदूषित पाउच पानी उपयोग हो रहा है, उसका क्या?”
यह पानी सीधे लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहा है और जौंडिस जैसे रोगों को तेजी से फैलने में मदद कर रहा है।
जनता की मांग:
नगर निगम को चाहिए कि वह सिर्फ टंकी में दवाई डालने और गोली बांटने से आगे बढ़े और अवैध जल दोहन और नकली पेयजल व्यवसाय के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।
स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम और प्रशासन संयुक्त रूप से छोटा बाजार में जल स्रोतों की जांच, पेयजल व्यवसायियों का सत्यापन और सार्वजनिक जल आपूर्ति की निगरानी सुनिश्चित करें ताकि ऐसी बीमारियों को रोका जा सके।