चिरमिरी क्षेत्र इन दिनों भीषण गर्मी और पानी की किल्लत से जूझ रहा है, जहां लोग एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। लेकिन छोटा बाजार की पानी टंकी में पिछले 25 साल से कार्यरत एक अस्थाई कर्मचारी की मनमानी के चलते हजारों लीटर शुद्ध पेयजल रोजाना नाले में बहाया जा रहा है। यह पानी, जिसे 30-40 किलोमीटर दूर से लाखों रुपये खर्च कर चिरमिरी लाया जाता है, आम जनता तक पहुंचने के बजाय बर्बाद हो रहा है।
जानकारी के मुताबिक, छोटा बाजार पानी टंकी से जुड़ी मेन पाइपलाइन, जो प्रतिदिन करीब साढ़े तीन घंटे तक पूरे दबाव के साथ चलती है, उसमें से लाहिड़ी कॉलेज के पास बने सुलभ शौचालय की 500-700 लीटर की ओवरहेड टंकी भरने के बाद बाकी पानी सीधे नाले में चला जाता है। हैरानी की बात यह है कि उसी पाइपलाइन से 50 मीटर के दायरे में दो सार्वजनिक नल और कुछ चुनिंदा लोगों को घरेलू कनेक्शन भी दे दिए गए हैं। इन कनेक्शनों में पानी की कोई उचित व्यवस्था न होने के कारण अतिरिक्त पानी नाले और सड़कों पर बहता रहता है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस बर्बादी से बचे पानी से कम से कम 30 परिवारों की पेयजल आवश्यकता पूरी हो सकती है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उक्त अस्थाई कर्मचारी, जिसका कभी तबादला नहीं हुआ, यहीं आसपास रहता है और पानी सप्लाई पर उसका पूरा नियंत्रण है। बार-बार शिकायत के बावजूद नगर निगम इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।
स्थानीय निवासी अंजन मुखर्जी (वार्ड नंबर 19, छोटा बाजार) ने इसे “अंधी नगरी और चौपट राजा” की संज्ञा दी है। उन्होंने प्रशासन से इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है, ताकि पानी की बर्बादी रोकी जा सके और जरूरतमंदों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा सके।