देशभर में हर साल 30 जनवरी का दिन शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह भारतीय इतिहास का एक काला दिन है, जिस दिन देश ने अपने अमूल्य रत्न को खो दिया था। सत्य और अहिंसा के दम पर देश को आजादी दिलाने वाले बापू ने आज ही के दिन दुनिया को अलविदा कहा था। 30 जनवरी, 1948 को उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली थी।
सत्य और अहिंसा की सीख देते हैं बापू
महात्मा गांधी आजादी की लड़ाई में अपने अहम योगदान के लिए जाने जाते हैं। साथ ही उन्होंने अपने सादे जीवन से लोगों को कई सारी सीख भी दीं, जो व्यक्ति को सफल और खुशहाल जीवन जीने की राह दिखाते हैं। उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था। उन्होंने ब्रिटिश शासन से देश को आजादी दिलाने के लिए अहिंसक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। आखिरकार लंबी लड़ाई और कई कोशिशों के बाद 15 अगस्त, 1947 में देश की आजादी मिली थी।
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शहीद दिवस का इतिहास
देश को आजादी मिलने के कुछ महीनों बाद ही 30 जनवरी, 1948 को नाथूराम गोडसे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की गोली मार कर हत्या कर दी थी। इसी वजह से हर साल 30 जनवरी को उनकी पुण्यतिथि मनाई जाती है और इस मौके को हर साल 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर पढ़ते बापू के कुछ प्रेरणादायी विचार-
- मैं मरने के लिए तैयार हूं, पर ऐसी कोई वज़ह नहीं है जिसके लिए मैं मारने को तैयार हूं। –
- लोकतंत्र का काम करने के लिए ऊपरी ज्ञान नहीं, बल्कि सही शिक्षा की आवश्यकता होती है।
- हमें इस तरह जीना चाहिए, जैसे हम कल ही मरने वाले हैं, हमें इस तरह सीखना चाहिए, जैसे हम वर्षों जीवित रहने वाले हैं।
- पहले वो आपको अनदेखा करेंगे, उसके बाद आप पर हंसेंगे,फिर वो आप से लड़ेंगे और तब आप जीत जाएंगे।
- किसी भी व्यक्ति के विचार ही सबकुछ है, वह जो सोचता है, वह बन जाता है।
- प्रसन्नता ही एकमात्र ऐसा इत्र है जिसे आप दूसरों पर छिड़कते हैं तो कुछ बूंदे आप पर भी पड़ती हैं।
- ऐसे जिएं कि जैसे आपको कल मरना है और सीखें ऐसे जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है।
- व्यक्ति की पहचान उसके कपड़ों से नहीं उसके चरित्र से होती है।
- निःशस्त्र अहिंसा की शक्ति किसी भी परिस्थिति में सशस्त्र शक्ति से सर्वश्रेष्ठ होगी।
- स्वतंत्रता एक जन्म की भांति है। जब तक हम पूर्णतः स्वतंत्र नहीं हो जाते तब तक हम परतंत्र ही रहेंगे ।
- जब तक आप किसी को वास्तव में खो नहीं देते तब तक आप उसकी अहमियत नहीं समझते।