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नक्सल पीड़ितों का दर्द…कहा-उल्टा लटकाया, कुल्हाड़ी से काटा

Aaj 24
By Aaj 24

जगदलपुर ,’मैं रोता रहा, हाथ-पैर जोड़कर पिता को छोड़ने के लिए कहता रहा, लेकिन नक्सलियों ने एक न सुनी। चंद मिनट के अंदर परिवार के सामने पिता के हाथ-पैर बांधकर पहले कान काटा, फिर जीभ काट ली। कुल्हाड़ी से वारकर सिर धड़ से अलग कर दिया। कटे हुए कान और जीभ को अपने साथ लेकर चले गए। ‘

‘मेरे पिता को बांधकर पेड़ पर उल्टा लटका दिया। नीचे आग लगाई, शरीर को चाकू से गोद दिया। सड़क बनवा रहा है..पुलिस का मुखबिर है कहकर पहले पिता और दादा को परिवार के सामने तड़पा-तड़पा कर मार डाला।’ ये दर्द नक्सल हिंसा पीड़ित और बस्तर ओलिंपिक के खिलाड़ियों

आंखों में आंसू, दिल में दर्द और फौलाद सा हौसला लेकर आज ये आदिवासी युवा बस्तर ओलिंपिक में शामिल हुए हैं। अपनी प्रतिभा का जौहर दिखा रहे हैं। ये सभी नक्सल हिंसा पीड़ित युवा बस्तर के बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर समेत अलग-अलग जिलों के हैं। जो रस्साकसी, खो-खो, कबड्डी, तीरंदाजी समेत अन्य खेलों में हिस्सा लिए हैं।

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