भरत शर्मा की रिपोर्ट
रतलाम, 6 मार्च पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के मार्गदर्शन जिले के सभी थानों पर बीट प्रणाली को लागू किया गया है।जिले को 20 थानों, 75 बीट और 360 माइक्रो बीट में विभाजित किया गया है। इस नई व्यवस्था से पुलिस की निगरानी क्षमता बढ़ेगी। अपराधों पर अधिक प्रभावी नियंत्रण होगा। आम जनता से संवाद भी और अधिक सुदृढ़ होगा।
बीट प्रणाली के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के निर्देशन में अतिरिक्त में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश खाखा द्वारा नवीन पुलिस कंट्रोल रूम पर मीटिंग आयोजित की गई है। जिसमें थाने के हेड मोहर्रिर सम्मिलित हुए। बीट प्रणाली को प्रभावी रूप से संचालित किए जाने के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए।
बीट प्रणाली मुख्य उद्देश्य
जिले में पुलिस कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी एवं सुव्यवस्थित बनाने के लिए माइक्रो बीट सिस्टम लागू किया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में पुलिस की सक्रियता बढ़ाना एवं आसूचना तंत्र को सुदृढ़ करना है। इसके साथ ही थाने पर पदस्थ आरक्षक स्तर तक प्रत्येक अधिकारी कर्मचारी की जिम्मेदारी तय की जा सकेगी। आरक्षक संबंधित माइक्रो बीट के प्रभारी रहेंगे।
बीट को कितने विभागों में बांटा गया
इस प्रणाली के तहत रतलाम जिले के 20 थानों को को 75 बीट और 360 माइक्रो बीट में विभाजित किया गया है। प्रत्येक थाने को तीन से चार बीट में बांटा गया है, जिनके प्रभारी उपनिरीक्षक या सहायक उपनिरीक्षक होंगे।प्रत्येक बीट को आगे तीन या चार माइक्रो बीट में विभक्त किया गया है, जिनके प्रभारी प्रधान आरक्षक या आरक्षक होंगे।सभी माइक्रो बीट प्रभारियों को अपने क्षेत्र की विस्तृत जानकारी तैयार करनी होगी, जिसके आधार पर पूरे जिले का एक समग्र डाटाबेस तैयार किया जाएगा।
बीट प्रभारी रखेंगे संबंधित बीट का पूरा रिकॉर्ड
माइक्रो बीट प्रभारी अपने साथ ऑब्जर्वेशन एवं इन्फॉर्मेशन नोट बुक रखेंगे और बीट भ्रमण के दौरान बीट में आने वाले होटल, ढाबा, स्कूल, कॉलेज, पंचर वाले, प्राइवेट ऑफिस, क्लीनिक, हॉस्पिटल जैसे सभी महत्वपूर्ण स्थानों की जानकारियां उसमें दर्ज करेंगे।
महत्वपूर्ण स्थानों पर बीट प्रभारी के नंबर लिखे होंगे
बीट में महत्वपूर्ण स्थानों पर बीट एवं माइक्रो बीट अधिकारी के नाम,मोबाईल नंबर ओर क्षेत्र में आने वाले मोहल्लों व गांव का बोर्ड/ फ्लेक्स आदि प्रदर्शित स्थानों पर लगाए ताकि लोगों की पुलिस तक आसानी से पहुंच स्थापित हो सके।