रिपोर्टर: अंजन मुखर्जी, छोटा बाजार, चिरमिरी
चिरमिरी में नगरनिगम की लापरवाही से छोटा बाजार में जौंडिस का प्रकोप, सैकड़ों लोग बीमार
चिरमिरी के छोटा बाजार क्षेत्र में लाहिड़ी कॉलेज के पास स्थित नगरनिगम की एक पुरानी और अयोग्य पानी टंकी ने सैकड़ों लोगों की जिंदगी को खतरे में डाल दिया है।
स्थानीय निवासी अंजन मुखर्जी की रिपोर्ट के अनुसार, इस टंकी से सप्लाई होने वाला प्रदूषित पानी जौंडिस जैसी घातक बीमारी का कारण बन रहा है।
वर्तमान में लगभग 400-500 लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं, और स्थिति बदतर होने की आशंका बनी हुई है।
पुरानी टंकी की कहानी: लापरवाही का नमूना नगरनिगम की स्थापना से पहले, साडा (SADA) द्वारा बनाई गई यह खुली पानी टंकी छोटा बाजार क्षेत्र में पानी सप्लाई के लिए इस्तेमाल होती थी।
नगरनिगम के गठन के बाद इसे टीन की शीट से ढककर उपयोग में लाया गया, लेकिन पुरानी दीवारों पर जमी काई और जर्जर हालत के कारण इसे पीने के पानी के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
इसके बाद एक नई ढकी हुई टंकी बनाई गई, लेकिन नगरनिगम कर्मचारियों की क्षमता से अधिक नल कनेक्शन देने की लालच ने पुरानी टंकी को फिर से चालू कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, टंकी की निर्माण तिथि को चुनें से मिटाकर इसे दोबारा उपयोग में लाया गया।
शुरुआत में कुछ दिनों तक इसकी सफाई होती थी, लेकिन अब यह पूरी तरह उपेक्षित है। टंकी में पानी को कीटाणु मुक्त करने के लिए साधारण ब्लिचिंग पाउडर तक नहीं डाला जाता।
नतीजतन, प्रदूषित पानी ने छोटा बाजार के निवासियों को जौंडिस की चपेट में ला दिया है।
जौंडिस: एक खामोश खतरा
जौंडिस एक ऐसी बीमारी है, जो लीवर को स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त कर सकती है। एक बार यह बीमारी होने पर, अगर मरीज की जान बच भी जाए, तो लीवर पहले जैसी स्थिति में नहीं आ पाता।
छोटा बाजार के निवासियों का भविष्य दांव पर है, क्योंकि नगरनिगम की उदासीनता और 24-25 सालों से जमे कर्मचारियों की लापरवाही ने इस संकट को जन्म दिया है।
नागरिकों की पुकार: कब जागेगा प्रशासन?स्थानीय निवासियों में आक्रोश है।
वे मांग कर रहे हैं कि नगरनिगम तत्काल इस टंकी को बंद करे, नई टंकी से स्वच्छ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करे, और दोषी कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई करे। साथ ही, प्रभावित लोगों के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधा और जांच शिविर आयोजित करने की मांग भी उठ रही है।
यह मामला न केवल चिरमिरी नगरनिगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र की जवाबदेही को कटघरे में खड़ा करता है। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो छोटा बाजार में यह स्वास्थ्य संकट और विकराल रूप ले सकता है।