छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राज्य चुनाव आयोग द्वारा एसआईआर (विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण) की अवधि मात्र एक सप्ताह बढ़ाए जाने को नाकाफी बताते हुए इसे कम से कम तीन माह तक बढ़ाने की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस ने पहले ही राज्य चुनाव आयोग को ज्ञापन देकर तीन माह की अतिरिक्त अवधि की जरूरत को स्पष्ट किया था।
बैज ने कहा कि इस समय राज्य में धान कटाई और खरीदी का कार्य जारी है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बेहद व्यस्त हैं। बस्तर में आई भीषण बाढ़ के कारण हजारों लोगों के जरूरी दस्तावेज नष्ट हो चुके हैं, और एक माह के भीतर एसआईआर प्रक्रिया पूरी करना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है।
उन्होंने बताया कि मनरेगा का काम बंद होने के कारण बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर-चांपा, जशपुर और बस्तर के कई क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग रोज़गार के लिए बाहर पलायन कर चुके हैं। ऐसे लोगों के लिए एक माह में दस्तावेज जमा करना कठिन है। इसके अलावा, नक्सल प्रभावित 600 से अधिक गांवों के वे लोग जो वर्षों पहले बस्तर छोड़कर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में बस गए थे, उनके लिए भी यह समय सीमा पर्याप्त नहीं है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एसआईआर शुरू हुए 26 दिन हो चुके हैं, लेकिन अब तक लगभग 50 प्रतिशत मतदाताओं के प्रपत्र ही जमा हो पाए हैं। ऐसे में शेष 10 दिनों में सभी का एसआईआर पूरा हो पाना असंभव है। कांग्रेस ने आयोग पर आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत करने का आरोप भी लगाया है।
दीपक बैज ने कहा कि चुनाव में अभी तीन साल शेष हैं, इसलिए मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण जल्दबाजी में सिर्फ एक माह में पूरा कराना आवश्यक नहीं है। यदि अवधि तीन माह तक बढ़ा दी जाए तो लोगों को दस्तावेज जमा करने में बड़ी राहत मिलेगी और प्रक्रिया भी अधिक पारदर्शी होगी।
