भरत शर्मा की रिपोर्ट
रतलाम /रतलाम नगर निगम में हाल ही में पदस्थ किए गए नए स्वास्थ्य अधिकारी की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं, क्योंकि शहर की प्राचीन धार्मिक आस्था का केंद्र कालिका माता मंदिर परिसर और उसके आसपास का इलाका इन दिनों गंदगी, कीचड़ और जलभराव से इस कदर जूझ रहा है कि पूरा क्षेत्र एक बदबूदार तालाब में तब्दील हो चुका है, श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों का आना-जाना मुश्किल हो गया है
लेकिन जिम्मेदार अधिकारी अब तक मौके पर पहुंचकर स्थिति का निरीक्षण तक नहीं कर पाए हैं; सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह वही स्वास्थ्य अधिकारी हैं जो रतलाम में हुए बहुचर्चित राशन घोटाले में संलिप्त पाए गए थे और जेल की हवा तक खा चुके हैं, इसके बावजूद नगर निगम प्रशासन ने ऐसे विवादित व्यक्ति को फिर से शहर की स्वास्थ्य व्यवस्था सौंप दी है, जिससे नगर निगम की नीयत और कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं
वहीं महापौर प्रहलाद पटेल की रहस्यमयी चुप्पी और निष्क्रियता ने जन आक्रोश को और भी बढ़ा दिया है, क्योंकि ना तो कोई ठोस सफाई अभियान शुरू किया गया है और ना ही दोषियों पर कोई कार्रवाई हुई है, जबकि क्षेत्रवासियों द्वारा गंदगी, दुर्गंध और जलभराव के स्पष्ट वीडियो व फोटो प्रमाण नगर निगम को कई बार भेजे जा चुके हैं; ऐसे में यह लापरवाही न सिर्फ धार्मिक पर्यटन और शहर की छवि को नुकसान पहुँचा रही है, बल्कि जनस्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा बनती जा रही है, जिसे लेकर तुरंत उच्चस्तरीय जांच, प्रभावी सफाई कार्यवाही और जिम्मेदार अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई आवश्यक है।