पनिका समाज ने ST बहाली की मांग को लेकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा, कार्यक्रम को सफल बनाने में लालजी काशीपुरी का अहम योगदान..
मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर।
पनका/पनिका समाज सरगुजा संभाग के प्रतिनिधियों ने अपनी जाति को संपूर्ण छत्तीसगढ़ में पुनः अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल करने की मांग को लेकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा। समाज ने 1949, 1971, 1985 और राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि पनका/पनिका को पहले आदिम जाति/अनुसूचित जनजाति की मान्यता प्राप्त थी, जिसे पुनः बहाल किया जाना चाहिए।
कार्यक्रम को सफल बनाने में लालजी काशीपूरी का अहम योगदान रहा। समाज के सदस्यों ने कहा कि उनके नेतृत्व और समन्वय से बड़ी संख्या में लोग एकजुट होकर प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने में सफल रहे।
1. 8 दिसंबर 1971 के पूर्व जारी आदेश के आधार पर पनका/पनिका को पूरे छत्तीसगढ़ में ST सूची में बहाल किया जाए।
2. मध्यप्रदेश विभाजन के बाद छत्तीसगढ़ में लागू पुरानी ST मान्यता को पुनः वैधानिक रूप से लागू किया जाए।
3. समाज की भाषा, संस्कृति, जीवनशैली व परंपराएं आदिवासी समुदाय से समान होने के आधार पर पुनः सर्वे कराया जाए।
4. छत्तीसगढ़ में लगभग 12 लाख पनका/पनिका आबादी तथा उनके सामाजिक–आर्थिक पिछड़ेपन को सरकारी रिकॉर्ड में मान्यता दी जाए।
5. समाज को शैक्षणिक, आर्थिक एवं राजनीतिक संरक्षण दिया जाए।
6. वर्ष 2006 की अनुसूचित जनजाति आयोग रिपोर्ट में पनका को आदिवासी मानने की सिफारिश को तत्काल लागू किया जाए।
7. राज्य व केंद्र के पूर्व आदेशों में मौजूद विरोधाभास दूर कर स्पष्ट अधिसूचना जारी की जाए।
8. लंबित प्रकरण पर तत्काल निर्णय लेकर ST बहाली की प्रक्रिया शुरू की जाए।
ज्ञापन देने वालों में निम्नलिखित लोग सम्मिलित रहे…
धर्मप्रसाद पैरेवा, देव लाल, रविकुमार कोसा, देवराम कोसा, रेंगू लाल, ललित कुमार, राजकुमार, हरिशंकर बघेल, मने लाल, जसवंत सिंह, धर्मेंद्र मरकाम, सुनीता पुरी, संगीता तांडिया, मोहना पुरी, बृजमान, कुसुमाय, कुसमा, मधुसूदन, संजय प्रसाद, सुशील कुमार, शांति, गुरुव, शिवलाल, रश्मि, भवना, लखन कुलेशिया, गंगाराम पनिका, रामप्रसाद, रामप्रकाश, अधिराज, हेमंत, लगन राम, संजीत सोनी, मनोज, शुभेंद्र कुमार, दिनेश, कुसमा पनिका, रश्मि पनिका, मनोज पनिका, माकन लाल पनिका ,एवं हीरादास मानिकपुरी सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।
