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थर-थर कांपेगा पाकिस्तान! MRSAM मिसाइलों से लेकर घातक ड्रोन तक…79 हजार करोड़ की हथियार खरीद को मंजूरी

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रक्षा मंत्रालय की डिफेंस काउंसिल (DAC) ने लगभग 79 हजार करोड़ रुपए की रक्षा खरीद और अपग्रेड के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है.

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भारतीय रक्षा मंत्रालय ने तीनों सेनाओं की युद्ध क्षमता को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. रक्षा मंत्रालय की डिफेंस काउंसिल (DAC) ने लगभग 79 हजार करोड़ रुपए की रक्षा खरीद और अपग्रेड के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है. इसमें नए आधुनिक हथियारों की खरीदी, पुराने हथियारों का अपग्रेड करने और स्वदेशी विकास शामिल है. जब यह प्रस्ताव लाया गया तो इस दौरान बैठक में रक्षा मंत्रालय से कई बड़े अधिकारी और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए थे. DAC से मंजूरी मिलने के बाद इस प्रस्ताव को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है. मंजूरी मिलते ही ठेके दिए जाएंगे.

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भारत लगातार कई सालों से अपने सैन्य क्षमता को बढ़ाने के लिए आधुनिक हथियारों की खरीदी कर रहा है. भारत के पास वर्तमान में कई ऐसे आधुनिक हथियार हैं, जो दुनिया में गिने-चुने देशों के पास ही हैं. DAC की मंजूरी मिलने के बाद 79 हजार करोड़ की डील होगी, उसके बाद तीनों सेनाओं की आधुनिक क्षमता बढ़ेगी. यह भारत की बढ़ती सैन्य क्षमता को दर्शाता है.

क्या हुईं मंजूरियां?

सी गार्जियन ड्रोन का लीज: भारतीय रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से दो MQ-9B हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस सी गार्जियन ड्रोन को 3 साल के लिए लीज पर लेने का फैसला जल्द करेगा. हालांकि इससे पहले ही भारत ने 31 ड्रो खरीदने की डील कर चुका है, जिसकी डिलीवरी 2028 में होने की संभावना है.

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पिनाका रॉकेट का विकास: 45 किमी. और 80 किमी. की रेंज वाली पिनाका लॉन्चर पहले से ही भारत के पास मौजूद है. अब 120 किमी. रेंज वाली नई पिनाका रॉकेट के लिए मंजूरी मिल गई है.

स्पाइस-1000 बमः स्पाइस-1000 एयर-टू-ग्राउंड गाइडेड बम इजराइिल से बड़ी संख्या में खरीदा जाएगा. ये सटीक हमला करने में एक्सपर्ट हैं.

टी-90 भीष्म टैंकों का ओवरहॉलः स्वदेशी तरीके से मिड-लाइफ अपग्रेड और ओवरहॉल करीब 200 टी-90 टैंकों का किया जाएगा. इसकी मदद से युद्ध में ताकत मिलेगी.

एमआई-17 हेलीकॉप्टरों का अपग्रेडः हेलीकॉप्टरों की ऑपरेशन तैयारी और विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए एमआई-17 का मिड-लाइफ अपग्रेड किया जाएगा.

एमआरएसएएम मिसाइलेंः हवाई और समुद्री रक्षा को मजबूत करने के लिए मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल खरीदी जाएंगी.

एयर-टू-एयर रिफ्यूलर और AWACS: लंबी दूरी के हवाई ऑपरेशन के लिए रिफ्यूलिंग टैंकर और एयरबॉर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम खरीदे जाएंगे.

लोइटरिंग मुनिशन (कामिकाज ड्रोन): दुश्मन के ठिकानों पर सटीक वार करने के लिए लोइटरिंग मुनिशन (सुसाइड ड्रोन) खरीदे जा रहे हैं.

Astra मार्क-2 और मीटियोर मिसाइलेंः हवाई सैन्य ताकतों को बढ़ावा देने के लिए बड़ी संख्या में मार्क-2 एयर-टू-एयर मिसाइलें खरीदी जाएंगी. इसके साथ की कुछ मीटियोर मिसाइलें भी ली जाएंगी.

दुनिया को दिखेगी भारत की सैन्य ताकत

रक्षा मंत्रालय की इस डील के बाद पुराने टैंकों और हेलिकॉप्टरों जो काफी पुराने हो गए हैं और अपनी क्षमता के अनुसार कार्य नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें नया जीवन मिल सकेगा. युद्ध की क्षमता को बढ़ाने के लिए ड्रोन, लोइटरिंग मुनिशन और लंबी रेंज की मिसाइलें खरीदी जा रही हैं, ताकि दुश्मन पर तेज हमले किए जा सकें. इसके साथ ही स्वदेशी ताकत को बढ़ाने के लिए टी-90 ओवरहॉल, पिनाका और Astra जैसे प्रोजेक्ट तैयार किए जा रहे हैं. वायु सेना की पहुंच बढ़ाने के लिए रिफ्यूलर. AWACS और लंबी दूरी वाले हथियारों की खरीदारी की जाएगी.

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