AAJ24

[state_mirror_header]

विश्व स्वास्थ कवरेज दिवस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने सूरजपुर के विभिन्न क्षेत्रों में स्वास्थ योजनाओं एवं निःशुल्क कानूनी सहायता की दी जानकारी

Admin
By Admin

सूरजपुर ।स्वास्थ्य ही धन है- इस सिद्धांत को चरितार्थ करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने विश्वव्यापी स्वास्थ्य कवरेज दिवस पर एक अनूठा आयोजन किया। जिला चिकित्सालय से लेकर रामानुजनगर, प्रेमनगर, प्रतापपुर, अजबनगर, बिहारपुर, भैयाथान, रमकोला के सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक और ग्राम पंचायतों में फैले इस विशाल कार्यक्रम ने सैकड़ों लोगों को स्वास्थ्य योजनाओं व निःशुल्क कानूनी सहायता की रोशनी दिखाई।

- Advertisement -

कार्यक्रम का मकसद साफ था- राज्य सरकार की चिकित्सा योजनाओं व संवैधानिक अधिकारों से लोगों को जोड़ना, ताकि न्याय की दहलीज तक उनकी पहुंच आसान हो। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती विनीता वार्नर के मार्गदर्शन और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सुश्री पायल टोपनो के नेतृत्व में चला यह अभियान सफलता की मिसाल बना। अध्यक्षता करते हुए व्यवहार न्यायाधीश श्री हिमांशु पाण्डा ने कहा, स्वास्थ्य से बड़ा कोई धन नहीं। स्वस्थ रहोगे, तभी जीवन के अन्य द्वार खुलेंगे। उन्होंने योग की सलाह देते हुए स्वास्थ्य विभाग की लाभकारी योजनाओं का जिक्र किया और 1987 के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के प्रावधानों को सरल शब्दों में समझाया।

- Advertisement -

कानूनी उलझन हो तो नजदीकी प्राधिकरण में फरियाद करें, निःशुल्क सलाह व सहायता मिलेगी, उन्होंने आश्वासन दिया।महिला संरक्षण अधिकारी श्रीमती इंदिरा चौबे ने लड़कियों के जन्म पर भेदभाव की कटु सच्चाई उजागर की। समाज में अभी भी बेटा-बेटी का फर्क जिंदा है, लेकिन नोनी सुरक्षा योजना जैसे कदम इसे बदलने को बेताब हैं । उन्होंने कहा कि योजना के जरिए बालिकाओं की शिक्षा- स्वास्थ्य सुधार, भ्रूण हत्या रोकना और सकारात्मक सोच जगाना उनका मुख्य संदेश था। इसके अलावा, महिला बाल विकास विभाग की अन्य योजनाओं पर भी प्रकाश डाला।

See also  संविधान दिवस: अगर देश आरएसएस के मुताबिक़ चलता रहा, तो हमारा संवैधानिक ढांचा क्या रहेगा? (आलेख : क़ुरबान अली)

कार्यक्रम में मुख्य सिविल सर्जन डॉ. अजय मरकाम, चिकित्सालय स्टाफ, अधिकार मित्र, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानीन, नर्सिंग कॉलेज छात्राएं शामिल रहीं। मंच संचालन अधिकार मित्र श्री सत्य नारायण ने किया, जो आयोजन को और जीवंत बना गया। यह कार्यक्रम न सिर्फ जागरूकता का पुल बना, बल्कि स्वास्थ्य व न्याय के समावेशी भारत की नींव को मजबूत करने का संकल्प भी।

Share This Article