रायपुर, 5 जुलाई 2025: छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय के कर्मचारियों और अधिकारियों के हितों की रक्षा के लिए सक्रिय नवयुक्त अधिकारी/कर्मचारी कल्याण संघ (छत्तीसगढ़), जो छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन से संबद्ध और छत्तीसगढ़ शासन से पंजीकृत संस्था (पंजीयन क्रमांक: 122202494051) है, आज 5 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री आवास के समक्ष एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन कर रहा है। यह धरना आज शनिवार को दोपहर 12 बजे से शुरू हो रहा है, जिसमें नगरीय निकाय कर्मचारियों की तीन सूत्रीय मांगों को प्रमुखता से उठाया जा रहा है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश सोनी, प्रदेश महामंत्री अभिषेक मिश्रा,और चिरमिरी नगर निगम के जिला अध्यक्ष पंचूराम साहू, महामंत्री पद्मा राव, तथा मीडिया प्रभारी अनूप वर्मा के नेतृत्व में यह धरना आयोजित किया जा रहा है। संघ की प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:
1. नियमित वेतन भुगतान: नगरीय निकाय के कर्मचारियों को प्रत्येक माह की 1 तारीख को वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
2. पुरानी पेंशन योजना: नगरीय निकायों में अन्य विभागों की तरह शीघ्र ही पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए।
3. पदोन्नति के लिए पद स्वीकृति: नगरीय निकायों में कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए शीघ्र पद स्वीकृत किए जाएं।
संघ ने अपने पत्र क्रमांक 394, दिनांक 26 जून 2025 के माध्यम से इस धरना-प्रदर्शन की सूचना दी थी। इस पत्र की प्रतिलिपि माननीय मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव और संच ालक, जिला कलेक्टर रायपुर, पुलिस अधीक्षक रायपुर, और समस्त आयुक्त/मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को प्रेषित की गई थी।
इसके अतिरिक्त, चिरमिरी नगर निगम के आयुक्त को पत्र क्रमांक 395, दिनांक 30 जून 2025 के माध्यम से सूचित किया गया था कि नगरीय निकाय के सभी अधिकारी और कर्मचारी इस धरना-प्रदर्शन में शामिल होंगे। इस पत्र में पंकज, पंचूराम साहू, जय वर्मा, शारदा प्रसाद, सुभाष राजवाड़े सहित अन्य कर्मचारियों के हस्ताक्षर शामिल थे, जिन्होंने मुख्यालय छोड़ने की अनुमति मांगी थी।
संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष संदीप चन्द्राकर, प्रवक्ता मंगलू निर्मलकर, और चिरमिरी नगर निगम के मीडिया प्रभारी अनूप वर्मा ने कहा, “यह धरना नगरीय निकाय कर्मचारियों की लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करने के लिए एक निर्णायक कदम है। हम सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह कर्मचारियों के हित में शीघ्र कार्रवाई करे।”
यह धरना नगरीय निकाय कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, और इसमें प्रदेश भर से कर्मचारियों की व्यापक भागीदारी देख ी जा रही है।