एक्सक्लूसिव | जशपुरनगर
शहर में चार दिन पूर्व जीएसटी विभाग की टीम द्वारा की गई छापेमारी की कार्रवाई से जशपुर जिले की राजनीति गरमा गई है। इस कार्रवाई के बाद न केवल स्थानीय व्यापारियों में, बल्कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं में भी हड़कंप मचा हुआ है। अचानक हुई इस कार्रवाई से पार्टी कार्यकर्ताओं में भय और असमंजस का माहौल बन गया है।
सूत्रों के अनुसार, जीएसटी छापे के बाद बीते कुछ दिनों से भाजपा से जुड़े कुछ वरिष्ठ नेताओं द्वारा गोपनीय बैठकों का दौर शुरू हो गया है। हालांकि, पार्टी स्तर पर इन बैठकों को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि बीते मंगलवार को भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष एवं ठेकेदार सत्येंद्र सिंह के कार्यालय में जीएसटी टीम ने छापा मारा था। घंटों चली इस कार्रवाई में टीम ने उनके ठेकेदारी कार्य, बस संचालन और क्रशर प्लांट से जुड़े रिकॉर्ड तथा वित्तीय लेन-देन की गहन जांच की। छापेमारी की खबर जैसे ही जिले में फैली, राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया।
सत्येंद्र सिंह भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं और पूर्व में जिला उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वर्ष 2023 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनावों में पार्टी की जीत में उनकी और उनकी टीम की भूमिका को अहम माना जाता है। ऐसे में उनके विरुद्ध जीएसटी की कार्रवाई से भाजपा कार्यकर्ता अचंभित हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि सत्ता में रहते हुए पार्टी के एक वरिष्ठ नेता पर इस तरह की कार्रवाई होना कई सवाल खड़े करता है।
कार्रवाई के बाद भाजपा के पदाधिकारियों और जमीनी कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी जा रही है। विपक्ष के दौर में पार्टी के लिए संघर्ष करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कार्यकर्ताओं में असुरक्षा की भावना गहराने लगी है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि सत्येंद्र सिंह जैसे नेता सुरक्षित नहीं हैं, तो फिर आम कार्यकर्ताओं की स्थिति क्या होगी?
सूत्र बताते हैं कि जीएसटी कार्रवाई के बाद भाजपा के कुछ असंतुष्ट नेता लामबंद होने लगे हैं और अपनी नाराजगी पार्टी आलाकमान तक पहुंचाने की तैयारी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि कार्यकर्ता कथित तौर पर बेलगाम होते नौकरशाहों और प्रशासनिक अधिकारियों पर अंकुश लगाने की मांग को लेकर रणनीति बना रहे हैं। यदि सुनवाई नहीं हुई, तो इससे भी कड़े फैसले लेने के संकेत असंतुष्ट नेता दे रहे हैं।
बहरहाल, जीएसटी की इस कार्रवाई ने जिले की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। आने वाले दिनों में इसका असर जशपुर की राजनीतिक फिजा पर साफ तौर पर देखने को मिल सकता है।
