रतलाम जिले में आदिवासी छात्रावासों में हो रहा भ्रष्टाचार,नहीं मिल रही सुविधा ; भाजपा के नेता मलाई काट रहे हैं और पैसा हजम कर रहे हैं,कांग्रेस प्रवक्त रश्मि सिंह ने की निष्पक्ष जांच की मांग

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भरत शर्मा की रिपोर्ट 

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रतलाम जनजाति विकास विभाग अंतर्गत संचालित सागौद रोड स्थित आदिवासी सीनियर कन्या छात्रावास की मामला गरमा गया

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जिला कांग्रेस प्रवक्ता श्रीमती रश्मि सिंह ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के शासन में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रावासों में बहुत अनियमिताएं हैं। ताज़ा मामला सीनियर छात्रावास कन्या शिक्षा परिसर रतलाम का है। जो कि समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ है।जिसमें भ्रष्टाचार अपने चरम पर है, मापदंडों के अनुसार छात्र-छात्राओं को सुविधा नहीं मिल रही है।भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं अधिकारी मलाई काट रहे हैं और आदिवासियों का पैसा हजम कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के ही संगठन अपनी सरकार पर प्रश्नचिन्ह लगाने की जगह प्रदर्शन करने का ढोंग और पाखंड कर रहे हैं।

श्रीमती सिंह ने आरोपी लगाया कि एबीवीपी यह बताए कि वे सब मामले को पहले से क्यों नहीं देख सके?सांसद, विधायक , मंत्री और सरकार सब भाजपा की है तो फिर भ्रष्टाचार कैसे हो रहा है? अधिकारीयों के सिर ठीकरा फोड़कर भाजपा सरकार अपना भ्रष्टाचार छुपाना चाहती है।
कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि तुरंत सभी छात्रावासों का निरीक्षण किया जाए एवं निष्पक्ष जांच एजेंसी के माध्यम से उच्च स्तरीय जांच हो ।

श्रीमती सिंह ने आगे कहा कि मच्छरदानी ,किताब ,कॉपी भोजन एवं अन्य सुविधाएं छात्रावासों में नहीं है जिस कारण से आदिवासी छात्र , छात्राएं छात्रावास छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं क्योंकि भारतीय जनता पार्टी की मानसिकता है कि कमजोर वर्ग के लोग समाज की मुख्य धारा से नहीं जुड़ सके
यदि 15 दिवस के भीतर उच्च स्तरीय जांच कर उपयुक्त सुविधा अनुसूचित जाति जनजाति छात्रावास में प्रदान नहीं की गई तो कांग्रेस पार्टी सड़कों पर आंदोलन करेगी ।लेकिन अनुसूचित जनजाति जाति वर्ग को न्याय दिलाएगी
महात्मा गांधी और बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों का अनुशरण करते हुए कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने ये छात्रावास शुरू कराए थे ताकि उचित सुविधाओं के अभाव में शिक्षा से यह वर्ग वंचित न रहे। लेकिन भाजपा सरकार इनकी सुविधाओं को छीनकर अशिक्षित रखना चाहती है ताकि यह अनुसूचित जाति जनजाति जाति वर्ग समाज की मुख्यधारा में न आ सके।आरक्षण के लाभ से वंचित रह जाए।
रतलाम शहर के छात्रावासों में हुई यह घटना इसी ओर इशारा करती है

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