रायपुर, 31 अक्टूबर 2025– छत्तीसगढ़ के गौरवशाली इतिहास में कल का सूरज एक नया स्वर्णिम अध्याय लिखने जा रहा है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 1 नवंबर को राज्य की तीन करोड़ जनता को नया विधानसभा भवन समर्पित करेंगे। राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने पर रजत जयंती वर्ष में मिल रहा यह स्थायी भवन न केवल आधुनिक सुविधाओं का खजाना है, बल्कि ‘धान का कटोरा’ छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और आत्मगौरव का जीवंत प्रतीक भी है। रायपुर के राजकुमार कॉलेज से शुरू हुई विधानसभा की यात्रा अब इस भव्य इमारत में नई ऊंचाइयों को छूएगी।
वास्तुकला में बसी छत्तीसगढ़ की आत्मा: धान की बालियां और बस्तर का शिल्प
नए भवन की डिजाइन में छत्तीसगढ़ की कृषि-प्रधान पहचान को बेहद कलात्मक ढंग से उकेरा गया है। सदन की छत पर धान की बालियों और पत्तियों की नक्काशी राज्य की हरियाली और मेहनतकश किसानों की मेहनत का सम्मान है। भवन के दरवाजे, फर्नीचर और सजावट बस्तर के पारंपरिक काष्ठ शिल्पियों की कारीगरी से सजे हैं, जो स्थानीय कला को वैश्विक मंच देने का उदाहरण है। यह इमारत आधुनिकता और परंपरा का ऐसा अनोखा मेल है, जो हर आने वाले को छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ेगा।
भविष्योन्मुखी ‘स्मार्ट विधानसभा’: 200 सदस्यों तक विस्तार और पेपरलेस संचालन
वर्तमान व भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया यह भवन पूर्णतः सुसज्जित है। सदन को 200 विधायकों तक बढ़ाया जा सकता है, जबकि डिजिटल तकनीक से पेपरलेस कार्यवाही सुनिश्चित होगी। यह ‘स्मार्ट विधानसभा’ की अवधारणा को साकार कर लोकतंत्र को और पारदर्शी व कुशल बनाएगा।
51 एकड़ में फैला 324 करोड़ का परिसर: तीन विंग्स में विभाजित
कुल 51 एकड़ क्षेत्र में 324 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह परिसर तीन मुख्य विंग्स में बंटा है:
विंग-ए: विधानसभा सचिवालय
विंग-बी: सदन, सेंट्रल हॉल, मुख्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय
विंग-सी: मंत्रियों के कार्यालय
हरित भवन: सोलर प्लांट, वर्षा जल संचयन और पर्यावरण संरक्षण
पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक यह भवन हरित तकनीक से बना है। परिसर में सोलर प्लांट लगाया गया है, जबकि दो सरोवर वर्षा जल संचयन के लिए बनाए जा रहे हैं। सभी पर्यावरण मानकों का पालन कर इसे इको-फ्रेंडली बनाया गया है।
आधुनिक सुविधाएं: 500 सीटर ऑडिटोरियम और 100 सीटर सेंट्रल हॉल
भवन में 500 दर्शकों की क्षमता वाला हाई-टेक ऑडिटोरियम और 100 सीटर सेंट्रल हॉल है, जो आयोजनों व बैठकों के लिए आदर्श हैं। वास्तुकला में पारंपरिक व आधुनिक शैलियों का उत्कृष्ट संतुलन इसे विश्वस्तरीय बनाता है।
तीन करोड़ छत्तीसगढ़वासियों की आकांक्षाओं का साकार स्वप्न
यह भवन मात्र ईंट-पत्थर की इमारत नहीं, बल्कि राज्य की प्रगति, संस्कृति और लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक है। इसमें तीन करोड़ नागरिकों की उम्मीदें, सपने और गौरव समाहित हैं। 1 नवंबर का लोकार्पण छत्तीसगढ़ को नई दिशा देगा, जहां परंपरा और विकास हाथ थामे चलेंगे।
यह भवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा – एक ऐसा छत्तीसगढ़, जो अपनी जड़ों से जुड़ा हो और आकाश छूता हो!
 
							 
		 
		 
		 
			
 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		