बिलासपुर। कोयला साइडिंग से जुड़े समाचार प्रकाशन के बाद बौखलाए आपराधिक प्रवृत्ति के मामा–भांजे की तिकड़ी द्वारा पत्रकार दम्पत्ति को जान से मारने की धमकी देने और हत्या की साजिश रचने का गंभीर मामला सामने आया है। आरोप है कि सोशल मीडिया ग्रुप में अश्लील गाली-गलौच, अवैध बंदूक–पिस्तौल दिखाकर घर में घुसकर हत्या की धमकी दी गई। इसके बावजूद पुलिस की कार्रवाई न होने से आरोपियों के हौसले बुलंद हैं।
पीड़ित पत्रकार दम्पत्ति ने थाना मस्तूरी में नामजद शिकायत दर्ज कराते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की थी। शिकायत के बाद भी आरोपियों के खिलाफ महज मामूली धाराएं लगाई गईं, जबकि मामले की प्रकृति को देखते हुए गैर जमानतीय धाराएं लगनी चाहिए थीं। इस पूरे मामले को लेकर पत्रकार दम्पत्ति ने बिलासपुर एसपी से भी शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है।
एसपी ने माना मामला बेहद संजीदा
बताया गया है कि बिलासपुर एसपी ने शिकायत को बेहद गंभीर मानते हुए एसडीओपी को कार्रवाई के निर्देश दिए थे, इसके बावजूद आरोपियों पर गैर जमानतीय धाराएं नहीं जोड़ी गईं। पुलिसिया लापरवाही से आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
कौन हैं पीड़ित पत्रकार
जयरामनगर निवासी डी.पी. गोस्वामी, दैनिक नया इंडिया एवं न्यू इंडिया टाइम्स वेबसाइट सहित राष्ट्रीय हिंदी डिजिटल पोर्टल के पत्रकार एवं ब्यूरो चीफ हैं। उनकी धर्मपत्नी दिव्या पुरी गोस्वामी भी पत्रकारिता से जुड़ी हैं। दोनों ने कोल वाशरी, कोल सायडिंग, संबंधित कंपनियों, व्यक्तियों और स्थानीय प्रभाव को लेकर समाचार कवरेज किया था, जिसमें प्रभावित गांवों और जनप्रतिनिधियों की आपत्तियों को भी प्रमुखता से स्थान दिया गया।
सुपारी देकर धमकाने का आरोप
शिकायत के अनुसार, इसी कवरेज से नाराज़ होकर संबंधित कोल वाशरी, कोल डिपो और कोल सायडिंग से जुड़े लोगों ने संजय पांडेय, विकास तिवारी और अनुराग तिवारी (निवासी जयरामनगर, थाना मस्तूरी) को पत्रकार दम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने की सुपारी दी। आरोप है कि ये लोग आए दिन घर के सामने आकर प्रत्यक्ष रूप से और सोशल मीडिया के माध्यम से धमकियां दे रहे हैं, जिससे गोस्वामी परिवार भय और आशंका में जीने को मजबूर है।
दो एफआईआर, फिर भी ढिलाई
पत्रकार दम्पत्ति के साथ हुई आपराधिक घटनाओं को लेकर थाना मस्तूरी में दो अलग-अलग प्रकरण—अपराध क्रमांक 415/2025 (26.06.2025) और 548/2025 (28.05.2025) दर्ज हैं, जिनमें भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 79 व 35 लगाई गई है। पीड़ितों का आरोप है कि समय पर सख्त कार्रवाई न होने से आरोपी और उग्र होते जा रहे हैं।
दिवाली के दौरान खुली धमकी
दिवाली के दौरान 17 से 19 अक्टूबर 2025 के बीच आरोपियों द्वारा घर के सामने रुककर गाली-गलौच करने और “बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर जैसा हाल करने” की धमकी देने का भी आरोप है। पीड़ितों का कहना है कि उनके पास ऑडियो और वीडियो जैसे दस्तावेजी सबूत मौजूद हैं।
गृह मंत्री तक पहुंचा मामला
पत्रकार दम्पत्ति ने छत्तीसगढ़ शासन के गृह मंत्री, डीजीपी, आईजी बिलासपुर और एसपी बिलासपुर से आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और गैर जमानतीय धाराएं लगाने की मांग की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला ने स्वयं गृह मंत्री विजय शर्मा से मुलाकात कर शिकायत की। गृह मंत्री ने प्रकरण में लापरवाही बरतने वाले मस्तूरी एसडीओपी और एसएसआई पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
फिलहाल सवाल यही है कि गंभीर आरोपों और स्पष्ट साक्ष्यों के बावजूद पुलिस की ढीली कार्रवाई कब तक पत्रकारों की सुरक्षा को खतरे में डालती रहेगी?
