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रतलाम में शुद्ध पेयजल आपूर्ति मामले में NGT की नगर निगम व प्रदूषण नियंत्रण मंडल को फटकार ; तीन माह में दें नये शपथ पत्र , नगर निगम को आदेश

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रतलाम,शहर में सीवर की गंदगी युक्त पेयजल आपूर्ति पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने नगर निगम रतलाम एवं मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल (MPPCB) की कार्यप्रणाली पर गंभीर असंतोष व्यक्त कर विस्तृत एवं तथ्यपरक जानकारी नहीं देने पर कडी फटकार लगाई है ।

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सलीम मोहम्मद बागवान , पार्षद वार्ड नंबर 24 की एनजीटी में पिटीशन क्रमांक 09/2025 (CZ) की सुनवाई के दौरान अंतरीम आदेश में नगर निगम रतलाम को 3 माह में नया शपथ पत्र देने के आदेश दिए गए ‌।

NGT द्वारा सुनवाई के दौरान निम्न बिंदुओं पर नगर निगम रतलाम पर सख्त नाराजगी जाहिर की गई ।

ट्रिब्यूनल ने पाया कि अपने पूर्व आदेश दिनांक 02.08.2024 के बावजूद नगर निगम रतलाम यह स्पष्ट नहीं कर पाया कि रतलाम शहर में वास्तव में पीने योग्य पानी की आपूर्ति हो रही है या नहीं

नगर निगम द्वारा प्रस्तुत शपथपत्र में केवल यह उल्लेख है कि पाइपलाइन का 58% कार्य पूर्ण हुआ है, लेकिन

पेयजल आपूर्ति की वर्तमान स्थिति

पाइपलाइन बिछाने का पूर्ण विवरण

कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है ।

इस पर NGT ने नगर निगम रतलाम को निर्देश दिया है कि वह अधिकतम तीन माह में अतिरिक्त शपथपत्र प्रस्तुत करे ।

🔹 प्रदूषण नियंत्रण मंडल के संबंध में ट्रिब्यूनल ने कहा कि निगरानी संबंधी निर्देशों का अक्षरशः पालन नहीं किया गया,
(1) निरीक्षण की तिथियां नहीं बताई गईं
(2) निरीक्षण रिपोर्ट रिकॉर्ड पर नहीं रखी गई
(3) यह स्पष्ट नहीं किया गया कि रिपोर्ट किन अधिकारियों को भेजी गई

इस पर प्रदूषण नियंत्रण मंडल को दो सप्ताह के भीतर विस्तृत अतिरिक्त शपथपत्र दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं ।

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सलीम मोहम्मद बागवान की ओर से अधिवक्ता प्रभात यादव ने न्यायालय को अवगत कराया कि अब तक आदेश का वास्तविक पालन नहीं हुआ है । आज भी शहर के कई क्षेत्रों में सीवर की गंदगी युक्त बदबूदार पानी आ रहा है तथा प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने जिन स्थानों पर गंदा पानी आ रहा था , उसका सैंपल नहीं लिया है । जिसके प्रमाण आवेदक ने ट्रिब्यूनल में पेश किए हैं । ट्रिब्यूनल ने आवेदक को दो सप्ताह के भीतर प्रत्युत्तर (Rejoinder) दाखिल करने की अनुमति दी है ।

अगली सुनवाई 16 फरवरी 2026 को होगी । ट्रिब्यूनल ने यह‌‌ भी स्पष्ट कहा है कि मामले की अगली सुनवाई में पेयजल जैसे मूल अधिकार से जुड़े विषय पर कड़ी निगरानी की जाएगी ।

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