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‘भगवा आतंकवाद’, बम बनाने की ट्रेनिंग से लेकर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप तक…कई बार RSS के खिलाफ दिग्विजय ने उगला ‘जहर’

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कुछ महीने पहले भी कांग्रेस नेता ने संघ पर हिंदुओं को भड़काने का आरोप लगाया था और सवाल उठाया था कि चंदा वसूली का करोड़ों रुपया कहां जाता है.

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तारीफ करने के बाद एमपी के पूर्व सीएम और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय अपनी ही पार्टी के नेताओं के निशाने पर हैं. संघ की तारीफ वाले बयान को लेकर कांग्रेस का एक बड़ा खेमा दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) को कोसने लगा है और कुछ नेताओं ने तो राज्यसभा सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग तक कर डाली है. दिलचस्प बात ये है कि संघ की तारीफ वाले बयान का बीजेपी ने न केवल स्वागत किया, बल्कि उन्हें भगवा खेमे में आने का ‘ऑफर’ भी दे दिया. इस बीच, दिग्विजय सिंह की दिल्ली में राहुल गांधी से भी मुलाकात हुई. इस मुलाकात के दौरान राहुल गांधी की एक टिप्पणी की काफी चर्चा रही.

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‘भगवा आतंकवाद’ शब्द गढ़ने के लगे आरोप

कांग्रेस स्थापना दिवस पर दिग्विजय सिंह से हाथ मिलाते समय राहुल गांधी ने उन्हें मजाकिया लहजे में कहा, ‘कल आपने गलत व्यवहार कर दिया.’ यह सुनकर वहां मौजूद नेता हंसने लगे. वहां सोनिया गांधी भी मौजूद थीं और वे भी हंसने लगीं. लेकिन, बात यहीं नहीं थमी…दिग्विजय के इस बयान के बाद कांग्रेस दो खेमों में बंटती नजर आई तो, भाजपा की तरफ से पार्टी में आने का ‘ऑफर’ भी दिया जाने लगा. फिलहाल, दो दिनों से दिग्विजय के बयान पर सियासी पारा हाई है. ऐसा नहीं है कि दिग्विजय भाजपा या संघ को लेकर बहुत सॉफ्ट रहे हैं. ये वही दिग्विजय सिंह हैं, जिन पर बीजेपी ‘भगवा आतंकवाद’ और ‘हिंदू आतंकवाद’ जैसे शब्द गढ़ने के आरोप लगाती रही है.

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मुंबई हमले पर संघ को लेकर बयान

भाजपा ने यह भी आरोप लगाया था दिग्विजय सिंह ने 2008 मुंबई हमले के पीछे RSS का हाथ बताया था. हालांकि, दिग्विजय इन आरोपों से इनकार करते हैं. उन्होंने संसद में भी इन आरोपों को खारिज किया था. संघ के बयान वाले हालिया घटनाक्रम को छोड़ दें तो दिग्विजय सिंह उन चुनिंदा कांग्रेसियों में पहली जमात के नेता होंगे, जिन्होंने RSS पर एक नहीं, कई बार तीखे हमले किए हैं. उनके तीखे बयानों के कारण भाजपा अक्सर कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति करने के आरोप लगाती रही है.

हेमंत करकरे की मौत में बताया था हिंदू चरमपंथियों का हाथ

दिसंबर 2010 में दिग्विजय सिंह ने एक बयान देकर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था. उन्होंने दावा किया था कि महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे की मौत में हिंदू चरमपंथी शामिल थे. दिग्विजय सिंह ने साथ ही यह दावा किया था कि 26/11 मुंबई हमले से पहले हेमंत करकरे ने उनसे बात की थी और बताया था कि मालेगांव विस्फोट केस में हिंदू चरमपंथियों को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें कई अज्ञात कॉल आए थे और जान से मारने की धमकियां मिली थीं.

संघ के लोग बम बनाने की ट्रेनिंग देते हैं- दिग्विजय सिंह

इसी तरह, 2013 में दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि आरएसएस के लोग बम बनाने की ट्रेनिंग देते हैं. उन्होंने आरोप लगाया था कि साल 1992 में आरएसएस के सेवा भारती के नीमच ऑफिस में बम बनाए जा रहे थे, उस दौरान धमाका भी हुआ था, जिसमें एक शख्स की जान चली गई थी.

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नाथूराम गोड्से कभी संघ से जुड़ा था- कांग्रेस नेता

2018 के एमपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भी दिग्विजय सिंह ने ‘हिंदू आतंकवादी’ वाले बयान देकर सियासी बवाल बढ़ा दिया था. झाबुआ में दिग्विजय सिंह ने कहा था कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाला नाथूराम गोड्से भी कभी संघ से जुड़ा था. यह विचारधारा घृणा फैलाती है. घृणा हिंसा को बढ़ावा देती है और हिंसा आतंकवाद की ओर ले जाती है. दिग्विजय ने आगे कहा था कि जितने भी हिंदू धर्म वाले आतंकवादी पकड़े गए हैं सब आरएसएस के कार्यकर्ता रहे हैं. भाजपा ने इस बयान पर तब दिग्विजय समेत पूरी कांग्रेस को आड़े हाथों लिया था.

RSS पर केस चलना चाहिए- दिग्विजय

कुछ महीने पहले भी कांग्रेस नेता ने संघ पर हिंदुओं को भड़काने का आरोप लगाया था और सवाल उठाया था कि चंदा वसूली का करोड़ों रुपया कहां जाता है. उन्होंने कहा कि अपंजीकृत संस्था RSS पर मनी लॉड्रिंग का मुकदमा चलना चाहिए.

दिग्विजय सिंह अक्सर भाजपा पर नफरत और बांटने वाली राजनीति करने के आरोप लगाते रहे हैं. वे बीजेपी-संघ और पीएम मोदी की कई मौकों पर आलोचना करने वाले एमपी के पूर्व सीएम ने जैसे ही संघ की तारीफ की, वे फौरन अपनी ही पार्टी के नेताओं के निशाने पर आ गए.

भाजपा के ‘ऑफर’ को ठुकराया

वहीं भाजपा ने भी इस मौके को दोनों हाथों से लपका. एमपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और सीएम मोहन यादव ने दिग्विजय सिंह को भाजपा में आने का ऑफर भी दे दिया. हालांकि, दिग्विजय ने इस ऑफर को ठुकराते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ संगठन की तारीफ की थी. दिग्विजय ने कहा कि वे संघ PM मोदी और उनकी नीतियों के खिलाफ हैं. भले ही दिग्विजय अब अपने बयान पर सफाई दे रहे हैं लेकिन, एमपी से लेकर दिल्ली तक उनके बयान की चर्चा तेज है और देखना है कि उनके बयानों के बाद जारी सियासत कहां जाकर थमती है.

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