लंबे इंतजार के बाद आखिकार केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लि आठवें वेतन आयोग की घोषणा कर दी। सरकार ने कहा कि इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होंगी। इस घोषणा से 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारियों को लाभ मिलेगा। केंदीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, इस घोषणा से 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारियों को लाभ मिलेगा।
इनमें 4 लाख सरकारी दिल्ली के भी शामिल हैं। आठवें वेतन आयोग के तहत रिटायर होने वाले कर्मचारियों की पेंशन में भी बढ़ोतरी होगी। सरकार आठवें वेतन आयोग के लिए दो सदस्यों और एक अध्यक्ष की नियुक्ति करेगी। सातवें आयोग का गठन 2016 में किया गया था और इसका कार्यकाल 2026 में समाप्त होगा।
- इसी बीच केंद्रीय बजट से पहले केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने कैबिनेट सचिव को पत्र लिखकर नई मांग रखी। कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने पत्र में महंगाई भत्ता/महंगाई राहत यानी ‘डीए/डीआर’ की गणना का कैलकुलेटर बदलने की मांग की है।
- कर्मचारी नेता ने कहा, डीए की दर तय करने के लिए 12 महीने के औसत को तीन महीने के औसत से बदला जाना चाहिए। यही नहीं, केंद्रीय कर्मियों और पेंशनरों के लिए अलग से ‘उपभोक्ता मूल्य सूचकांक’ तैयार करने की मांग की गई है।
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कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स द्वारा 17 जनवरी को यह पत्र कैबिनेट सचिव को भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि बैंकिंग कर्मचारियों का डीए हर साल प्रत्येक तिमाही यानी फरवरी-अप्रैल, मई-जुलाई, अगस्त-अक्टूबर और नवंबर-जनवरी में संशोधित किया जाता है। केंद्र सरकार के कर्मियों को प्वाइंट-टू-प्वाइंट डीए प्रदान किया जाना चाहिए। बैंकों और एलआईसी के कर्मचारियों को प्वाइंट-टू-प्वाइंट डीए मिलता है। ऐसी और कई मांगें रखी गई हैं।
टीमलीज डिजिटल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नीति शर्मा ने कहा, ‘आठवें वेतन आयोग के लिए 2.6 और 2.85 के बीच फिटमेंट फैक्टर का अनुमान लगाया गया है। इससे सैलरी में करीब 30 फीसदी तक इजाफा हो सकता है। पेंशन में भी इसी अनुपात में बढ़ोतरी होगी। शर्मा ने कहा कि ‘इस तरह के संशोधन मुद्रास्फीति, बढ़ती रहने की लागत और सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के पारिश्रमिक के बीच बढ़ते अंतर का मुकाबला करने के लिए अहम हैं।’
सातवां वेतन आयोग 2016 में लागू किया गया था। इसके मुताबिक न्यूनतम 18,000 रुपये है। इस पर महंगाई भत्ता अभी 53 फीसदी मिलता है। आठवें वेतन आयोग के लिए जनवरी 2026 तक यह बढ़कर 59 फीसदी हो जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि न्यूनतम वेतन 28,620 रुपये हो जाएगा। अब सातवें वेतन आयोग की तरह अगर आठवें आयोग में भी फिटमेंट फैक्टर 2.57 रहता है, तो न्यूनतम वेतन बढ़कर 46,620 रुपये हो जाएगा। इस तरह से आठवें वेतन आयोग के बाद न्यूनतम वेतन करीब 38 फीसदी बढ़कर 46,620 रुपये हो जाएगा।