भरत शर्मा की रिपोर्ट
भोपाल।मध्यप्रदेश सरकार को राज्य के दो अधिवक्ताओं ने पुलिस सुधारों को लेकर एक कानूनी नोटिस भेजा है। नोटिस में आरोप लगाया गया है कि प्रदेश सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों और केंद्र सरकार के परिपत्रों के बावजूद अब तक पुलिस शिकायत प्राधिकरण,(Police Complaints Authority) और अन्य आवश्यक निकायों का गठन नहीं किया है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने प्रकाश सिंह बनाम भारत संघ (22 सितंबर 2006) मामले में देशभर में पुलिस सुधार लागू करने के लिए सात अहम निर्देश जारी किए थे। इनमें राज्य सुरक्षा आयोग का गठन, डीजीपी और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के कार्यकाल की गारंटी, जांच शाखा को अलग करना, पुलिस स्थापना बोर्ड का गठन और राज्य तथा जिला स्तर पर *Police Complaints Authority* की स्थापना जैसे प्रावधान शामिल थे।
आरोप आदेशों की अनदेखी
अधिवक्तओ द्वारा नोटिस में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2015 में सभी राज्यों को इन आदेशों के पालन के लिए निर्देशित किया था। इसके बावजूद मध्यप्रदेश में अब तक पुलिस शिकायत प्राधिकरण और अन्य निकाय गठित नहीं किए गए हैं। अधिवक्ताओं का कहना है कि यह स्थिति न केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की सीधी अवमानना है, बल्कि संविधान के अनुच्छेद 144 का उल्लंघन भी है, जो सभी प्राधिकरणों को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने के लिए बाध्य करता है।
30 दिन का अल्टीमेटम
नोटिस में राज्य सरकार से 30 दिनों के भीतर आवश्यक निकायों का गठन करने की मांग की गई है। चेतावनी दी गई है कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका और मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में अनुच्छेद 226 के तहत रिट याचिका दायर की जाएगी।
नोटिस देने वाले अधिवक्ता
यह नोटिस अधिवक्ता इमरान कुरैशी और मोहम्मद रिज़वान खान ने संयुक्त रूप से जारी किया है। दोनों ने कहा है कि यह मुद्दा जनता के अधिकारों और न्यायिक व्यवस्था की पारदर्शिता से जुड़ा है, इसलिए इसे लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाने में संकोच नहीं किया जाएगा।