अमेरिका ,रूस और अमेरिका के बीच अब तनाव चरम पर पहुंचने लगा है। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले ही जो बाइडन ने एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने यूक्रेन को रूस के खिलाफ अमेरिका की लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। अगर यूक्रेन इन मिसाइलों का इस्तेमाल करता है तो वह रूस के बड़े शहरों को निशाना बनाने में सक्षम होगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के ताजा कदम से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बेहद खफा हैं। उन्होंने मंगलवार को एक नई न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन को मंजूरी दी है। इसके तहत अगर किसी परमाणु संपन्न देश की मिसाइल से रूस पर हमला किया जाता है तो पुतिन परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर विचार कर सकते हैं।
रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की मंजूरी के जवाब में अपने परमाणु सिद्धांत में बदलाव किया है। परमाणु सिद्धांतों के मुताबिक रूस पर पारंपरिक मिसाइलों, ड्रोन व अन्य विमानों से किया गया हमला भी परमाणु हथियार के इस्तेमाल करने के मानदंडों के दायरे में आएंगे।
इसमें यह भी कहा कि गया कि अगर किसी गठबंधन का कोई भी देश रूस पर हमला करता है तो यह पूरे गठबंधन का हमला बना जाएगा। माना जा रहा है कि रूस ने यह प्रावधान नाटो के जवाब में तैयार किया है। यूक्रेन युद्ध ने 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के बाद से रूस और पश्चिम देशों के बीच सबसे बड़े टकराव को जन्म दिया है।