भारत के भावी CJI जस्टिस सूर्यकांत की दौलत: करोड़ों की संपत्ति का खुलासा, सैलरी से कहीं ज्यादा!

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नई दिल्ली, 29 अक्टूबर 2025 (Aaj24.in एक्सक्लूसिव अपडेट) | स्पेशल इन्वेस्टिगेशन

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सुप्रीम कोर्ट द्वारा जजों की संपत्ति के ऐतिहासिक खुलासे के बाद, भावी मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस सूर्यकांत की संपत्ति का ब्योरा सामने आ गया है। मई 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने 21 जजों की एसेट डिक्लेरेशन पब्लिक डोमेन में डाली, जिसमें जस्टिस सूर्यकांत के नाम पर करोड़ों की प्रॉपर्टी, FD और लग्जरी आइटम्स शामिल हैं। वर्तमान CJI जस्टिस बी.आर. गवई ने आज (28 अक्टूबर) जस्टिस सूर्यकांत को अपना उत्तराधिकारी नामित किया है, जो 24 नवंबर 2025 से CJI का पद संभालेंगे। यह खुलासा आम जनता के बीच न्यायपालिका की पारदर्शिता पर बहस छेड़ रहा है, जहां सैलरी लाखों में होने के बावजूद संपत्ति करोड़ों में है।

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प्रॉपर्टी पोर्टफोलियो: देशभर में आलीशान मकान और जमीनें

जस्टिस सूर्यकांत की डिक्लेरेशन के मुताबिक, उनकी संपत्ति में चंडीगढ़, गुड़गांव और दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों की प्रॉपर्टीज शामिल हैं। ये ज्यादातर पत्नी के साथ जॉइंटली ओन्ड हैं:

– चंडीगढ़ सेक्टर 10 में 5,445 वर्ग फीट का शानदार मकान।

– पंचकूला के गोलपुरा गांव में 13.5 एकड़ कृषि भूमि।

– गुड़गांव के सुशांत लोक-1 में 300 वर्ग यार्ड का प्लॉट।

– दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में 283 वर्ग यार्ड का दोमंजिला मकान।

– चंडीगढ़ सेक्टर 18C में 192 वर्ग यार्ड का मकान।

– गुड़गांव DLF फेस 3 में 250 वर्ग यार्ड का मकान।

– हिसार में 12 एकड़ पैतृक भूमि में एक-तिहाई हिस्सा।

ये प्रॉपर्टीज उनकी लंबी कानूनी करियर (पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट जज से सुप्रीम कोर्ट तक) की देन बताई जा रही हैं, लेकिन इनकी वैल्यू आज करोड़ों में पहुंच चुकी है।

फाइनेंशियल एसेट्स: FD, GPF और फैमिली इन्वेस्टमेंट्स

बैंक बैलेंस और इन्वेस्टमेंट्स में भी कोई कमी नहीं:

– 4.11 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)।

– जनरल प्रॉविडेंट फंड (GPF) में 3.74 करोड़ जमा।

– पत्नी के पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) में 49.9 लाख रुपये।

– बेटी के FD और PPF में कुल 1.54 करोड़ रुपये।

– पत्नी के FD और PPF में 2.54 करोड़ रुपये।

कुल मिलाकर, इन्वेस्टमेंट्स अकेले 12 करोड़ से ज्यादा के हैं, जो जज की सैलरी से कहीं आगे इशारा करते हैं।

लग्जरी कलेक्शन: सोना, चांदी और प्रीमियम वॉचेस

मूवेबल एसेट्स में भी रईसी झलकती है:

– 100 ग्राम सोना (करीब 1300 ग्राम तक फैमिली में फैला)।

– 6 किलो चांदी।

– 3 कीमती घड़ियां (वैल्यू लाखों में)।

यह कलेक्शन किसी हाई-प्रोफाइल प्रोफेशनल की लाइफस्टाइल की याद दिलाता है, न कि सख्त न्यायिक जीवन की।

सैलरी vs संपत्ति: उठते सवाल और पारदर्शिता की नई शुरुआत

सुप्रीम कोर्ट जज की मासिक सैलरी औसतन ₹2.25 लाख है, जबकि CJI की ₹2.80 लाख। फिर भी, जस्टिस सूर्यकांत की कुल संपत्ति 20 करोड़ से ऊपर आंकी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट की अप्रैल 2025 की फुल कोर्ट रेजोल्यूशन ने इन डिक्लेरेशन्स को अनिवार्य बनाया, जो RTI एक्ट के तहत पब्लिक इंटरेस्ट में है। लेकिन सवाल वही है: क्या न्याय केवल वेतन से चलता है, या पुरानी इनकम और इनहेरिटेंस से? जस्टिस सूर्यकांत ने अपनी डिक्लेरेशन में सभी एसेट्स को लीगल सोर्सेज से जोड़ा है, लेकिन आम आदमी के लिए यह ‘हाई-एंड’ लगता है।

भारत में असमानता का आईना: न्यायपालिका भी चिंता में

भारत में टॉप 10% के पास 77% संपत्ति है, और जब न्याय के रखवाले खुद इतने अमीर हों, तो भरोसे का संकट गहराता है। यह खुलासा CJI गवई के कार्यकाल में आया, जो 23 नवंबर को रिटायर होंगे। जस्टिस सूर्यकांत का CJI टेन्योर (24 नवंबर 2025 से 9 फरवरी 2027 तक) पारदर्शिता को मजबूत करने का मौका दे सकता है।

Aaj24.in की स्पेशल रिपोर्ट: यह डेटा सुप्रीम कोर्ट की ऑफिशियल वेबसाइट और हालिया न्यूज रिपोर्ट्स पर आधारित है। क्या न्यायपालिका की यह ‘ट्रांसपेरेंसी’ काफी है? आपकी राय कमेंट्स में शेयर करें!

 

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